कहा जाता है कि अगर पेट ठीक हो तो कोई भी बीमारी पास नहीं आती है। क्योंकि शरीर में ऊर्जा की गति का पाचन तंत्र से बहुत गहरा संबंध है। पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली बिगड़ते ही किसी भी व्यक्ति को दुनिया भर की बीमारियां घेरने लग जाती हैं। पाचन तंत्र सही रहे इसीलिए चिकित्सा की सभी पद्धतियों के विशेषज्ञ आहार-विहार सही रखने के लिए कहते हैं। पाचन तंत्र को सही रखने के लिए ही योग के आचार्यो ने खास तौर से कई आसन और क्रियाएं बताई हैं। इनमें ही एक है-पश्चिमोत्तान आसन। यह आसन न केवल पेट, बल्कि पीठ की नसों और हड्डियों पर भी अच्छा प्रभाव डालता है। इस तरह यह पाचन तंत्र को तो दुरुस्त करता ही है, पीठ और शरीर के अन्य हिस्सों को भी पीड़ा से मुक्ति दिलाता है।
(1) क्लासिक और कार्डियो एक्सरसाइज:-
मसल्स को टोन करने के लिए स्टेबिलिटी बॉल एक्सरसाइज करें। इससे पेट की मांसपेशियां 40 फीसदी ज्यादा और साइड एब्स 47 फीसदी ज्यादा एक्टिव होंगे। इस एक्सरसाइज से पेट के भीतरी मांसपेशियां भी अच्छी तरह से पुष्ट होंगी। साथ ही टोटल बॉडी वेट ट्रेनिंग भी अपनाएं। टोटल बॉडी रेजिस्टेंस रूटीन को कार्डियो के साथ करें तो दो गुना ज्यादा फैट कम होगा। एक्सपटर्स कहते हैं कि वेट लिफ्टिंग और एक्स्ट्रा प्रोटीन की वजह से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है।
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(2) वॉक यानी गुड एक्सरसाइज:-
वॉक करना एक अच्छी एक्सरसाइज है, इससे कसरत के 90 फीसदी फायदे मिल जाते हैं। इसके अलावा, 20 बार सूर्य नमस्कार भी कर लें तो बहुत अच्छा है। साथ में, हाथों का मूवमेंट और थोड़ा स्ट्रैच भी करना चाहिए। जिनके पास वक्त नहीं है, वे सिर्फ वॉक भी कर सकते हैं। एक मील चलने से 100 कैलरी तक बर्न होती हैं। हफ्ते में अगर तीन दिन दो-दो मील की वॉक करें तो हर तीसरे हफ्ते आधा किलो वजन कम हो सकता है।
(3) पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज:-
मल का असंयम (ठीक के शौच न हो पाना) आंत्र संबंधी समस्याओं का एक बड़ा कारण हो सकता है। पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने से इस समस्या से निपटा जा सकता है। इसके लिये बस आपको दिम में कुछ मिनटों के लिये अपने पेल्विक फ्लोर मसल्स को 30 से 50 बार भीतर और बाहर करना होता है। इसके अलावा आप रोजना सिट अप्स का अभ्यास भी कर सकते हैं। इन दोनों तरह के एक्सरसाइज से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
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(4) कपालभाति योगासन:-
कपाल भाति क्रिया करने के लिए समतल स्थान पर आसन में बैठ जाएं। अब पेट को ढीला छोड़ दें और तेजी से सांस बाहर निकालें और पेट को भीतर की ओर खींचें। हां सांस को बाहर छोड़ते और पेट को भीतर की ओर खींचने के बीच सामंजस्य रखें। शुरुआत में दस बार यह क्रिया करें, और फिर धीरे-धीरे 60 तक बढ़ा दें। बीच-बीच में विश्राम लेते रहें। कपाल भाति से फेफड़े के निचले हिस्से की प्रयुक्त हवा एवं कार्बनडाइ ऑक्साइड बाहर निकल जाती है और पेट पर जमी फालतू चर्बी खत्म होती है।